कांग्रेस की जीत के पीछे हैं स्तम्भ रूपी ये पाँच चेहरे। बीजेपी की हार तय करने तक करते रहे जीतोड़ मेहनत।
कर्नाटक चुनाव के नतीजे अब सबके सामने हैं। अब कर्नाटक में देश की सबसे पुरानी पार्टी को फिर से सत्ता चलाने का मौका मिल गया है। भाजपा के हाथ से सत्ता फिसल गई है। कांग्रेस ने जीतोड़ मेहनत कर चुनाव जीतने की कोशिश की थी और यह सफलता उसी का परिणाम है। कांग्रेस के पाँच नेता ऐसे भी रहे , जिन्होंने कांग्रेस को जीत तक पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। चलिए एक-एक करके जानते हैं इन नेताओं के बारे में :-
1.एमबी पाटिल
पाटिल कर्नाटक के एक बड़े लिंगायत नेता हैं। पाटिल का दर्जा कांग्रेस में येदियुरप्पा के बीजेपी के दर्जे के समान ही माना जाता है। चुनाव से पूर्व ही पाटिल को कांग्रेस की प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया था। पाटिल ने इस भूमिका को स्वीकारा और एक तेज तर्रार रणनीति बनाई। पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार व लक्ष्मण सावदी को बीजेपी से कांग्रेस में लाने का श्रेय भी पाटिल को ही जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे , राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के रोड़ शो आदि की जिम्मेदारी पाटिल ने ही सम्भाल रखी थी। उनकी घर – घर पहुँचकर प्रचार की नीति ने कांग्रेस को खूब लाभ पहुँचाया है।
2. जी. परमेश्वर
कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र तैयार किया था , उसकी जिम्मेदारी जी.परमेश्वर की ही थी। कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध वाले बिंदु को लेकर काफी चर्चा हुई थी। कांग्रेस की कई योजनाओं को सफलता रूपी समर्थन भी मिला है , जैसे :- गृह ज्योति , गृह लक्ष्मी , अन्न भाग्य योजना आदि। गृह ज्योति योजना के तहत कांग्रेस ने 200 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा किया है। गृह लक्ष्मी योजना में परिवार की एक महिला को प्रतिमाह 2000 रूपये दिए जाएँगे। अन्न भाग्य योजना में बीपीएल परिवार को 10 किलो अनाज दिया जाएगा। इन सब बातों को मिले भरपूर समर्थन से ही कांग्रेस की जीत हो सकी है।
3.रणदीप सुरजेवाला
पार्टी ने महासचिव केसी वेणुगोपाल की जगह रणदीप सुरजेवाला को राज्य की जिम्मेदारी सौंपी थी। सुरजेवाला ने ही डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच मतभेदों के बावजूद दोनों को साथ काम करने के लिए राजी किया। दोनों के साथ आने से मतदाताओं में भी अच्छा संदेश गया। इसके लिए रणनीति सुरजेवाला ने ही बनाई थी। सुरजेवाला ने केंद्रीय नेतृत्व व राज्य नेतृत्व के बीच कड़ी का काम किया।
4.शशिकांत सेथिल
2008 बैच के आईएएस अधिकारी शशिकांत सेथिल पहले भाजपा के साथ थे लेकिन सीएए के मामले में इस्तीफा देकर कांग्रेस के साथ आ गये। कांग्रेस के लिए आक्रामक कदमों को उठाने के समय से अवगत कराने की जिम्मेदारी सेथिल ने उठा रखी थी। पार्टी के लिए रणनीति बनाने , कार्यों को देखने व तथ्यों में सटीकता की जिम्मेदारी सेथिल निभा रहे थे। सेथिल के योगदान के कारण ही पार्टी हर विधानसभा क्षेत्र पर बारीकी से नजर रख पायी।
5.सुनील कोनुगोलू
इन्होंने चुनावी रणनीतिकार के रूप में बेहतरीन काम किया। पार्टी के लिए सर्वे रिपोर्ट बनाने , उम्मीदवारों के चयन में इनकी विशेष भूमिका रही। भ्रष्टाचार के मुद्दे को तूल देने के लिए पार्टी को इन्होंने ही रणनीति बनाकर दी। कोनुगोलू इससे पूर्व पीएम मोदी के साथ भी काम कर चुके हैं तथा राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी वह सक्रिय भूमिका में थे।
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