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कांग्रेस को विपक्ष की धुरी बनाने पर किया जा रहा है विचार। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने विपक्षी एकता की बात कहकर कांग्रेस को मददगार बनने के लिए कहा।

कांग्रेस को विपक्ष की धुरी बनाने पर किया जा रहा है विचार। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने विपक्षी एकता की बात कहकर कांग्रेस को मददगार बनने के लिए कहा।

अगले वर्ष देश की सत्ता को पाने का संग्राम होगा , यानि कि अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव आयोजित होंगे। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखकर राजनीतिक सुगबुगाहट तेज हो गई जो दल स्थानीय रूप से एनडीए के सामने कमजोर हैं। वे कांग्रेस को केंद्रीय रूप देकर वापसी करने पर विचार कर रहे हैं। विपक्षी एकता की हवा फिर तेज होती दिखाई दे रही है। जनता दल यूनाइटेड के नेता केसी त्यागी ने अपने एक बयान में कहा है कि आगामी लोकसभा के चुनाव के लिए कांग्रेस को अन्य दलों के मददगार की भूमिका में आना होगा। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस मजबूत है , वहाँ उसे अन्य स्थानीय दलों की मदद करनी पड़ेगी तथा जहाँ स्थानीय दलों की स्थिति मजबूत है , वहाँ उन्हें कांग्रेस की मदद करनी पड़ेगी। त्यागी ने अपने बयान के दौरान नीतीश कुमार को सर्वमान्य नेता बताया तथा विपक्ष के लिए एक सलाह दी और कहा कि अभी किसी दल को 2024 के लिए प्रधानमंत्री पद के लिए नामों पर अधिक चर्चा नहीं करनी चाहिए क्योंकि जिससे कि सहमति न बनने पर विपक्ष बिखर सकता है तथा इससे प्रतिद्वंद्वी को लाभ होगा। त्यागी ने अपने कथन में “एक के खिलाफ एक” का फॉर्मूला दिया यानि कि हर सीट पर बीजेपी के खिलाफ संयुक्त विपक्ष का एक ही उम्मीदवार खड़ा होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस और अन्य दलों को एक दूसरे का मददगार बनने के लिए कहा जहाँ भी जो मजबूत है , वह सामने वाले की मदद करे। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी दल को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित नहीं करना चाहिए। केसी त्यागी का बयान ऐसे समय पर आया है जब अन्य प्रमुख विपक्षी नेता भी इसी तरह के बयान दे चुके हैं। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी यह बयान दिया था कि जहाँ-जहाँ कांग्रेस मजबूत है , वहाँ हम उसको समर्थन देंगे।

केसी त्यागी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी एकता के लिए एक मजबूत कड़ी बताया जो कि अन्य-अन्य दलों को जोड़ने के लिए कई नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं तथा आगे भी करेंगे। वह विपक्षी एकता के प्रमुख पैरोकार हैं तथा बीजेपी के खिलाफ गठबंधन बनाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं। विपक्षी एकता में नीतीश कुमार की एक मजबूत भूमिका होने वाली है। एनडीए छोड़ने के बाद ही उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था। कांग्रेस की कर्नाटक विजय ने विपक्ष को प्रोत्साहन दिया है तथा एकता की प्रक्रिया ने फिर से तेज़ी पकड़ ली है।

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