पाकिस्तान की स्थिति पर नजर रखते हुए लाइन ऑफ कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर पर भारत ने बढ़ाई सतर्कता। कारण है…आईएसआई की हरकतें।
पाकिस्तान की स्थिति डावाडोल हो चुकी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी से वहाँ अव्यवस्था का माहौल बन गया था , हालांकि वह छूट चुके हैं। पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई अपने यहाँ की गृहयुद्ध जैसी स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए लाइन ऑफ कंट्रोल और अंतरराष्ट्रीय बार्डर पर साजिश को अंजाम दे सकती है। कुछ रक्षा विशेषज्ञों का यह कहना है कि पाकिस्तान की स्थिति पर पैनी नजर रखते हुए सतर्क रहना चाहिए। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान इस बात से चिढ़कर भी हरकतें करवा सकता है कि जम्मू-कश्मीर में ही G-20 की बैठक होनी है। पाकिस्तान बौखलाहट के साथ इस पर आपत्ति भी जता चुका है। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद स्तिथि और भी खराब हो चुकी है। वहाँ के लोगों में अपनी सेना के खिलाफ भयंकर गुस्सा है और इस सबसे धान भटकाने के लिए पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में गतिविधियाँ करवा सकता है। सैन्य कार्यालयों के साथ – साथ स्कूलों , सुरक्षा बलों व महत्वपूर्ण स्थानों को नुकसान पहुँचाने की साज़िश रची जा रही है। फिदायीन हमलों के साथ ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने इंगित किया है कि सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत जम्मू संभाग के क्षेत्र में है जिसमें कि जम्मू , राजौरी तथा पुंछ इलाका बॉर्डर के करीब है। पुंछ तथा राजौरी के हमलों के बाद लगातार क्षेत्र में संदिग्ध लोग देखे जा रहे हैं। खतरे का अनुमान लगाते हुए क्षेत्र के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद का कहना है कि पाकिस्तान दो तरह के कदम ले सकता है , पहला वह अपने यहाँ की स्थिति को नियंत्रित करने पर ध्यान लगा सकता है या दूसरा वह पड़ोसी देशों में आतंकी प्रवृत्ति की घटनाएँ करवाकर दुनिया का ध्यान भटका सकता है। हमें स्तिथि पर पैनी नजर रखनी होगी। वहाँ की सेना और आईएसआई पर भी अस्तित्व का खतरा है। जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के सुरक्षा विभाग के डॉ.जगन्नाथ का कहना है कि पाकिस्तान की जनता सेना के खिलाफ हो चली है और जनता की भीड़ को नियंत्रित करना कोई आसान काम नहीं होता। पाकिस्तान की सेना सबसे पहले भीड़ को नियंत्रित करने के बारे में सोचेगी। इमरान की गिरफ्तारी में रेंजर्स शामिल थे जिससे पता चलता है कि सेना जनता में अपना विश्वास खो रही है। इस पहलू से ध्यान को हटाने के लिए पाकिस्तान अपनी पुरानी आतंक की सोच के साथ जम्मू-कश्मीर में घटनाओं को अंजाम दिलवा सकता है।
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