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पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी के लिए मुकेश गोयल ही हैं दिल्ली सरकार की प्राथमिकता। उपराज्यपाल के निर्णय से रूख होगा साफ।

पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी के लिए मुकेश गोयल ही हैं दिल्ली सरकार की प्राथमिकता। उपराज्यपाल के निर्णय से रूख होगा साफ।

दिल्ली एमसीडी चुनाव के बाद दिल्ली के महापौर और उपमहापौर पद चुनाव से पूर्व पीठासीन अधिकारी के लिए दिल्ली सरकार ने नाम तय कर दिल्ली के उपराज्यपाल के पास भेज दिया है। अब इस पर निर्णय उपराज्यपाल विनय सक्सेना को करना है। सीएम केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एकबार फिर पीठासीन अधिकारी पद को धारण करने के लिए कद्दावर पार्षद मुकेश गोयल का नाम भेजा है। इससे पहले की बात करें तो दिल्ली सरकार ने मुकेश गोयल का ही नाम भेजा था , किंतु दिल्ली के उपराज्यपाल ने प्रस्ताव के उलट अपनी इच्छा से पीठासीन अधिकारी के लिए सत्य शर्मा को नियुक्त किया था। सत्य शर्मा को नियुक्त करने का फैसला विवादों में घिरा रहा था। मेयर पद के लिए सत्य शर्मा के निर्णय पर विवाद भी हुआ था जिसके लिए आम आदमी पार्टी की डॉ.शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था‌। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया तथा चौथी बार में चुनाव सम्पन्न हो सका। उसमें शैली ओबरॉय ने बीजेपी की रेखा गुप्ता को 34 बोटों से हराकर चुनाव जीता था। शैली को 150 मत तथा रेखा गुप्ता को 116 मत मिले थे। अब फिर से मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव आगामी 26 अप्रैल को होने हैं। आम आदमी पार्टी ने फिर से शैली ओबरॉय और इकबाल अहमद को क्रमशः मेयर तथा डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। दूसरी तरफ बीजेपी ने उम्मीदवारों को बदल सबको चौंका दिया है। मेयर पद के लिए शिखा राय और डिप्टी मेयर पद के लिए सोनी पांडे को खड़ा किया गया है। साफ दिखाई दे रहा कि बीजेपी ने ऐसा करके महिला कार्ड खेला है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत पहले से ही तय मानी जा रही है‌ , क्योंकि उसके पास चुनावी बहुमत है। बीजेपी को जीत के लिए उलटफेर की जरूरत पड़ सकती है लेकिन ऐसा कम सम्भव दिखाई दे रहा है।

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