Loading Now
×

2019 के मामले में सजा पाये राहुल गाँधी की सजा की रोक वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित। गुजरात हाईकोर्ट ने नहीं दी अंतरिम राहत।

2019 के मामले में सजा पाये राहुल गाँधी की सजा की रोक वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित। गुजरात हाईकोर्ट ने नहीं दी अंतरिम राहत।

मोदी सरनेम मामले में सजा पर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को गुजरात हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने राहत के लिए दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस हेमंत प्रच्छक छुट्टी के बाद फैसला सुनायेंगे। तब तक के लिए कोर्ट ने राहुल को अंतरिम राहत से इंकार कर दिया है। राहुल गाँधी को इस मामले में सूरत की कोर्ट द्वारा सजा दी जा चुकी है। इस सजा से राहत के लिए राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट में राहत याचिका दायर की थी। यह मामला “मोदी” उपनाम को लेकर टिप्पणी से जुड़ा हुआ है। मामले में सूरत की कोर्ट ने राहुल गाँधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गाँधी की लोकसभा की सदस्यता चली गई। साथ ही उनके 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग गई। इससे पहले सूरत सत्र न्यायालय के फैसले के खिलाफ दाखिल इस याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट में 29 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई में हाईकोर्ट ने राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा था कि आप 2 मई तक अपना जबाव दाखिल करें। राहुल के वकील सिंघवी ने कोर्ट में अपनी दलील में कहा कि जिस मामले के लिए राहुल गाँधी को दो साल की सजा सुनाई गई है। वह न तो अधिक गंभीर है और न ही इसमें नैतिकता की सीमा को पार किया गया है। राहुल द्वारा राहत माँग की कोशिश इससे पहले सूरत सत्र न्यायालय में की जा चुकी है। वहाँ राहत न मिलने पर राहुल गाँधी गुजरात हाईकोर्ट पहुँच गये। इस मामले से एक न्यायाधीश ने खुद को अलग कर लिया तथा अन्य न्यायाधीश के जुड़ने पर यह सुनवाई आगे बढ़ सकी। राहुल गाँधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी उपनाम को लेकर एक टिप्पणी की थी‌। बाद में हुआ यह कि यह मामला कोर्ट में पहुँच गया और सूरत कोर्ट ने 23 मार्च को इस मामले में राहुल को सजा देने वाला फैसला सुनाया। कोर्ट ने धारा 504 के तहत उन्हें सजा दी। कोर्ट ने राहुल को फैसले पर अमल के लिए कुछ दिन का समय भी दिया। इसके साथ ही उनको तुरंत राहत भी दे दी गई। राहुल गाँधी ने सूरत की कोर्ट में राहत संबंधी याचिकाएँ दायर की थीं जिनमें से एक खारिज कर दी गई तथा एक पर 3 मई को सुनवाई होनी है। इस मामले में राहुल गाँधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी कोलार में आयोजित एक रैली में टिप्पणी कर कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी होता है क्या ? इसी को लेकर गुजरात के विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गाँधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करा दिया। उनका कहना था कि राहुल ने समूचे मोदी समुदाय को आहत किया है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस तरह के मामले में दो वर्ष से अधिक की सजा पाये किसी भी विधायक अथवा सांसद की सदस्यता चली जाती है और वह 6 वर्ष के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाता है। राहुल को भी आगे कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो वह 2024 और 2029 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पायेंगे।

Previous post

बकिंघम पैलेस के पास संदिग्ध गतिविधि के कारण पूरे महल को किया गया सील। गोलियाँ फेंकने के आरोप में एक व्यक्ति को किया गया है गिरफ्तार।

Next post

गोवा के मुख्यमंत्री के विवादित बयान पर भड़के बिहार के उपमुख्यमंत्री। बयान को आधार बनाकर तेजस्वी ने बीजेपी को लिया निशाने पर।

Post Comment

You May Have Missed