कांग्रेसियों की है प्रियंका को प्रधानमंत्री देखने की इच्छा। पार्टी कर सकती है नया प्रयोग।
राजनीतिक पार्टियाँ कर्नाटक चुनाव को ध्यान रखते हुए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी भी लगातार लगी हुई है। कर्नाटक में लगातार सीएम पद के लिए चेहरे की तलाश जारी है। इसी बीच पार्टी के एक नेता प्रमोद कृष्णम ने प्रियंका गाँधी वाड्रा को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने की माँग की है। कांग्रेस पार्टी में एक धड़ा ऐसा भी है जो राहुल गाँधी के बाद प्रियंका गाँधी को पार्टी के मुख्य नेता के रूप में देखना चाहता है। प्रमोद कृष्णम जैसे कई अन्य कांग्रेसी नेता भी हैं जो खुलकर प्रियंका गाँधी को कांग्रेस में सर्वोच्च भूमिका में देखना चाहते हैं। इस प्रकार के कांग्रेसी नेताओं की इच्छा है कि प्रियंका गाँधी पीएम उम्मीदवार बने या न बनें लेकिन पार्टी में अब उनका दौर शुरू हो जाना चाहिए। प्रियंका गाँधी के लिए इस प्रकार के संकेत रायपुर अधिवेशन में सोनिया गाँधी भी दे चुकी हैं। राहुल गाँधी के मानहानि मामले में सदस्यता चले जाने के बाद उन पर 6 वर्ष के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग गया है और अगर यही निर्णय ऊपर की अदालत भी बरकरार रखती हैं तो शायद प्रियंका गाँधी को ही पार्टी की सम्भालने की मुख्य भूमिका में आना पड़ेगा। माना जा रहा है कि प्रियंका गाँधी वायनाड से उपचुनाव में खड़ी हो सकती हैं या फिर आगामी लोकसभा चुनाव में रायबरेली से पर्चा भर सकती हैं प्रियंका गाँधी वाड्रा 2019 में कांग्रेस महासचिव बनकर सक्रिय राजनीति में आई थीं लेकिन उनका प्रभाव पार्टी के उससे पहले के निर्णयों पर भी रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि अब पार्टी में प्रियंका गाँधी का दौर शुरू होने वाला है। राहुल गाँधी के मानहानि मामले में फँसने के साथ साथ ही प्रियंका गाँधी ने भी पार्टी के कई कार्यों में मुख्य भूमिका निभाई है। हालांकि कुछ कांग्रेसी नेता उनकी पार्टी में भूमिका को मान्यता तो देते हैं लेकिन अभी भी राहुल गाँधी को सर्वोच्च नेता बताते हुए पार्टी के साथ चलना चाहते हैं। अभी की स्थिति में राहुल गाँधी की पार्टी के सर्वोच्च नेता दिखाई दे रहे हैं क्योंकि विपक्षी एकता के लिए भी मुख्य भूमिका में हैं राहुल ही हैं। प्रियंका गांधी वर्तमान में भी कर्नाटक चुनाव में पार्टी की तरफ से प्रचार-प्रसार में लगी हुई हैं। हिमाचल प्रदेश चुनाव में भी वह मुख्य भूमिका में थीं और स्टार प्रचारक की तरह उन्होंने अपना काम किया था। अभी की स्थिति के अनुसार प्रियंका गाँधी को अपने भाई राहुल गाँधी के प्रभाव के साथ ही काम करना पड़ेगा और आगामी लोकसभा चुनाव के परिणामों में अगर कांग्रेस सफल नहीं होती है तो शायद प्रियंका को पार्टी की पूर्ण कमान दी जा सकती है।
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