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रामानुजनगर : सार्वजनिक दुर्गा पूजा में परंपरा और राजनीति की टकराहट

रामानुजनगर : सार्वजनिक दुर्गा पूजा में परंपरा और राजनीति की टकराहट

विशाल विचार /सरगुजा ब्यूरो

रामानुज नगर।शारदीय नवरात्रि का शुभ पर्व कुछ दिनों बाद आने वाला है जिसको देखते हुए रामानुजनगर में दुर्गा पूजा की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। यहाँ की सबसे बड़ी पहचान यह है कि सार्वजनिक दुर्गा पूजा हमेशा से क्षेत्र के विधायक के सानिध्य में होती आई है और यही परंपरा इसकी गरिमा को बनाए रखती है। स्व. तुलेश्वर सिंह के नेतृत्व से शुरू हुई यह परंपरा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री खेलसाय सिंह के दस वर्ष के कार्यकाल में भी कायम रही, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के समय में भी पूजा का संचालन एकता और सहयोग की मिसाल बना रहा। वर्तमान में विधायक भूलन सिंह मरावी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। सौम्य स्वभाव, सर्वसम्मति और सरल नेतृत्व शैली के लिए जाने जाने वाले श्री मरावी का मानना है कि दुर्गा पूजा राजनीति का मंच नहीं बल्कि सामूहिक आस्था का पर्व है, और समिति का गठन सभी वर्गों की सहमति से पारदर्शी तरीके से होना चाहिए।

लेकिन इस बार इस पवित्र आयोजन पर भी राजनीति की परछाई पड़ गई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार भाजपा के एक पदाधिकारी, कांग्रेस के एक बड़े नेता और एक मंत्री का कथित कार्यकर्ता मिलकर सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति में हस्तक्षेप कर रहे हैं और दुर्गा पूजा समिति को दो फाड़ करने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि मंत्री का यह खास आदमी अपने राजनीतिक रसूख और धौंस के बल पर अधिकारियों, कर्मचारियों और आम जनता पर दबाव बनाता है तथा दोनों दलों के नेताओं को अपने साथ जोड़कर अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करना चाहता है। इस कारण रामानुज नगर की जनता में आक्रोश और असंतोष गहराता जा रहा है। लोगों का कहना है कि जिस तरह मंत्री अन्य क्षेत्रों में अपने आदमियों के जरिये प्रभाव जमाने की कोशिश करते हैं, उसी पैटर्न पर यहाँ भी हस्तक्षेप किया जा रहा है।

विगत वर्षों में कुछ छोटे नेता अध्यक्ष पद की लालसा में समिति को तोड़ने का प्रयास करते रहे हैं, लेकिन इस बार मंत्री के कार्यकर्ता की सक्रियता ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इससे समिति की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठ रहे हैं और आयोजन की गरिमा पर भी आँच आ रही है। ध्यान देने योग्य है कि विजयदशमी के दिन यहाँ 30 से 40 हजार श्रद्धालु एकत्र होते हैं, और ऐसे में समिति में फूट पड़ने से न केवल आयोजन बाधित होगा बल्कि सामूहिक भावना और सामाजिक एकता पर भी गहरी चोट पहुँचेगी।

स्थानीय समाज और वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि रामानुज नगर की दुर्गा पूजा की असली ताकत उसकी परंपरा है जो हमेशा विधायक के नेतृत्व और सानिध्य में रही है। लोग उम्मीद जता रहे हैं कि विधायक भूलन सिंह मरावी अपनी पारदर्शी और सर्वसम्मतिपूर्ण सोच से इस विवाद को दूर करेंगे और आयोजन को उसकी ऐतिहासिक गरिमा और सामूहिक भावना का प्रतीक बनाए रखेंगे।

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