आचार्य का प्रतिदिन शिक्षक दिवस के समान होता है- अरुण जी जिला प्रचारक
आचार्य का प्रतिदिन शिक्षक दिवस के समान होता है- अरुण जी जिला प्रचारक
विशाल विचार ब्यूरो यूपी
निर्मित द्विवेदी
बिंदकी फतेहपुर। शुक्रवार को सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज लंका रोड बिंदकी फतेहपुर में द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म दिवस शिक्षक दिवस के रूप में हर्ष और उल्लासपूर्वक आयोजित किया गया। सर्वप्रथम वंदना सत्र में माननीय प्रधानाचार्य बलराम सिंह जी, कार्यक्रम प्रमुख निहुल तथा शक्ति द्वारा माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि द्वारा किया गया।
वंदना सत्र के कार्यक्रम में शिशु वाटिका की बहन कृतिका मिश्रा कक्षा 1st ने मेरी टीचर सबसे प्यारी गीत सुनाया।
कक्षा 6A की श्रुति अवस्थी ने गीत प्रस्तुत किया जिसने दिया ज्ञान का भंडार
कक्षा 9C के भैया यशराज ने गीत प्रस्तुत किया ना सोने ना चांदी के भाव से ना हीरे जवारत के भाव से गुरु की महिमा होती है उसके ज्ञान के प्रभाव से
9A की बहन अंजलि ने कहा हम तो शून्य थे आपने हमें अनमोल कर दिया आपने सिखाया हमें खुशियों को कैसे जोड़ते हैं
10 A1 की बहन निष्ठा मिश्रा ने सभी आचार्य बहनों और आचार्य बंधुओं की विशेषताओं का वर्णन अच्छे ढंग से किया।
आचार्य सुमित कुमार ने बताया राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 को ब्राह्मण परिवार में हुआ था यह कुशाग्र बुद्धि, दार्शनिक, विद्वानशिक्षक, प्रथम उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति थे यह पहले व्यक्ति थे जिनको भारत रत्न प्राप्त हुआ तथा 40 वर्ष तक शिक्षक रहे उनके जन्मदिवस को शिक्षकों के सम्मान के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रीमान प्रधानाचार्य जी ने सभी आचार्य बांधो आचार्य बहनों को शिक्षक दिवस की बधाई दी।
वंदना सत्र में ही सभी वाहन चालकों तथा कर्मचारी को सम्मानित किया गया।
प्रथम चार बेलाओं का शिक्षण भैया बहनों द्वारा किया गया।
अवकाश के बाद वंदना हाल में प्रबंध समिति द्वारा शिक्षकों के सम्मान का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विद्यालय के अध्यक्ष अशोक मिश्रा, मुख्य अतिथि प्रदेश निरीक्षक कानपुर प्रांत श्रीमान अयोध्या प्रसाद जी मिश्र, विशिष्ट अतिथि फतेहपुर जिला प्रचारक अरुण , विद्यालय प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश , बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल गुप्ता एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य बलराम सिंह उपस्थित रहे
कार्यक्रम में प्रबंध समिति तथा उपस्थित अतिथि महानुभावों द्वारा सभी आचार्य बंधुओ तथा बहनों को भेंट प्रदान कर सम्मानित किया गया।
अतिथियों का परिचय एवं सम्मान देवेंद्र ने कराया।
अपने उद्बोधन में अयोध्या प्रसाद मिश्रा प्रदेश निरीक्षक ने कहा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन चरित्र का उदाहरण देकर आचार्य की भूमिका शिक्षा के क्षेत्र में उपयोगी है छात्रों के जीवन को संवारने तथा शिक्षित करने की भारत के विकास एवं भविष्य में भारत को विश्व गुरु होने की परिकल्पना सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से प्रेरणा मिलती है उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि उनके जीवन से कुछ सीख कर शिक्षा के क्षेत्र में संकल्प लेकर कार्य करें।
विद्यालय के अध्यक्ष श्रीमान अशोक जी मिश्रा ने कहा कि हमारे देश में ऐसे गुरु थे जिनके चरित्र पर भारत प्रतिष्ठित था सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म सामान्य परिवार में हुआ था कई विद्यालयों के कुलपति रहे राजनीतिक रहे शिक्षक रहे शिक्षक का सम्मान उनकी अपने शिष्य के रूप में दिखता है उनके अपने कृतित्व पर दिखता है श्रेष्ठ कृतित्व और व्यक्तित्व बनाने की जिम्मेदारी हम शिक्षकों की है उन्होंने कहा कि चौथे सरसंघ चालक श्रद्धेय रज्जू भैया जी ने कहा था कि सरस्वती और लक्ष्मी एक साथ नहीं रह सकती निकृष्ट व्यक्ति के लोग धन की लालसा करते हैं मध्य व्यक्ति के लोग धन और बुद्धि की लालसा करते हैं लेकिन उत्कृष्ट व्यक्ति के लोग सम्मान की इच्छा रखते हैं अगर यत्न करने पर सफलता नहीं मिलती है तो हमें विचार करना चाहिए की त्रुटि कहां रही। उस आधार पर कार्य करेंगे तो आपके छात्र सफल होंगे।
फतेहपुर जिला प्रचारक अरुण ने कहा कि आचार्य का प्रतिदिन शिक्षक दिवस के समान होता है यद्यपि हमारे भारत में गुरु के प्रति आदर व्यक्त करने के लिए गुण पूर्णिमा उत्सव मनाया जाता है लेकिन गुरु और गुरु की महिमा का व्याख्यान करने के जिम्मेदारी हम शिक्षकों की है अपने विद्यालय की शिक्षा तभी सफल होगी जब अपना विद्यार्थी का माता-पिता वृद्ध आश्रम नहीं जाएगा कोई छात्र आत्महत्या नहीं करेगा कोई डाइवोर्स नहीं देगा यह जिम्मेदारी विद्या भारती के शिक्षक निभा सकते हैं आज तरह-तरह के षड्यंत्र चल रहे हैं जिनसे भारत की संस्कृति को नुकसान पहुंच रहा है हम अपने विद्यार्थी को ऐसी युवा पीढ़ी के रूप में तैयार करें जिसे यह षड्यंत्र सफल न हो।
प्रधानाचार्य बलराम सिंह ने गणित में शत प्रतिशत अंक दिलाने वाले आचार्य निहुल अमर , संस्कृति बोध परियोजना में सहयोग करने वाले देवेंद्र , चंद्र प्रकाश एवं सर्वाधिक समर्पण कराने वाली शक्ति को भी सम्मानित कराया।
अमित जी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम का संचालन अमित कुमार दीक्षित तथा मनोज कुमार मिश्र ने किया।
Post Comment