जंग प्रारंभ… अमेरिका ईरानी मिसाइलों की बौछार को कैसे सहन करेगा…अब ट्रंप की’युद्ध योजना ‘क्या है?
वॉशिंगटन: ईरान पर हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उनका उद्देश्य ‘परमाणु खतरे’ को खत्म करना था। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने भाषण में कहा, ‘हमारा उद्देश्य ईरान की न्यूक्लियर एन्क्रिप्शन क्षमता को खत्म करना और दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पहले देश द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकना था.’ हालांकिइस हमले के बाद ईरान भी चुप नहीं रहेगा और इस बात की पूरी संभावना है कि वह भी अमेरिकी सेना को टारगेट करेगा।
ईरान को ट्रंप ने दी सावधानी
ट्रंप ने ईरान को गंभीर चेतावनी दी और कहा कि यदि ईरान ने किसी प्रकार की शक्ति दिखाई, तो उसे सख्त प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा, ‘ईरान की किसी भी प्रतिक्रिया का जवाब आज रात के हमले से ज्यादा ताकतवर होगा.’दूसरी तरफ ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई के एक महत्वपूर्ण सलाहकार ने अमेरिकी नौसेना के पोतों पर मिसाइल हमले और ऑयल शिपिंग के एक प्रमुख मार्ग होर्मुज जल डमरू मध्य को बंद करने की मांग की है।
खाड़ी में कितने अमेरिकी फौजी
अमेरिकी सैन्य बल वर्तमान में तुर्की, सीरिया, लेबनान, इराक, बहरीन, इजरायल, इजिप्ट, जिबूती, अरब सागर और कुवैत में मौजूद हैं। कुवैत में सर्वाधिक 10 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। इस क्षेत्र में 51400 सैनिक तैनात हैं. तीन दिन पहले आई एक रिपोर्ट के अनुसार सैटेलाइट चित्रों से यह जानकारी मिलती है कि समस्त अमेरिकी नौसेना के जहाज बहरीन के एक मुख्य बंदरगाह से निकल गए हैं। ईरान पर अमेरिका के हमले के डर के कारण इन जहाजों को वहां से निकाल लिया गया था.
खाड़ी का क्षेत्र अमेरिकी नौसेना के केंद्रीयकमान के अंतर्गत आता है। जोतस्वीरेंआईथीं,उनसेसंकेतमिलता है कि नेवी का एक फाइटर जेट,चार माइन काउंटर मेजर जहाज और स्पेशल ऑपरेशन सपोर्टशिप एम/वी ओशन ट्रेडर वर्तमान में यूएस सेंट्रल कमांड के क्षेत्र में तैनात हैं। फारस की खाड़ी, होर्मुजजल डमरू मध और ओमान की खाड़ी से इन जहाजों का प्रस्थान अमेरिका की रणनीतिकयोजनाओं का संकेतदेता है.
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इसी प्रकार अमेरिका ने 5 जून से 19 जून के बीचकतर के अलउदीद एयरबेस से लगभग 40 सैन्य विमानों को वापस ले लिया था।यह बेस अमेरिका के प्रमुख बेसों में से एक है और मध्यपूर्व में सबसे बड़ा अमेरिकी सेना का ठिकाना भी है। कतर में स्थित अमेरिकी दूतावास ने हाल ही में यह पुष्टि की थी कि अलउदीद तक पहुंच को सीमित कर दिया गया है। यूएस ने बदलते सुरक्षा हालात के चलते सैनिकों को निगरानी बनाए रखने की सलाह दी है।
सऊदी में पहुँचा सब से विशाल जहाज
5 जून को प्लैनेट लैब्स पीबीसी की उपग्रह तस्वीरों में दिख रहा था कि लगभग 40 विमान बेस परस्थितहैं।इनमेंसी- 130 हरक्यूलिस मालवाहक विमान और निगरानी जेट भी शामिल थे। लेकिन 19 जून तक केवल तीन विमान ही यहां पर रह गए थे। फ्लाइट ट्रैकिंग जानकारी के अनुसार, अमेरिकी एयरफोर्स ने ईरान के सीमा के निकट सऊदी अरब में दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य विमान तैनात कियाहै। इटली के एवियानो एयर बेस से एक C-5M सुपर गैलेक्सी सऊदी अरब में उत रगयाहै।इसके अतिरिक्त F-16, F-22 और F-35 विमान भी तैनात हो चुकेहैं।
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