CBI के समन को अभिषेक बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट की बेइज्जती बताया , शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित है मामला।

प.बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले के सम्बन्ध में CBI द्वारा तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को नोटिस भेजा गया था और इसी क्रम में उनसे पूछताछ की जानी है। इस नोटिस के बारे में बनर्जी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसकी मन्हाई की थी , लेकिन CBI ने फिर भी नोटिस भेजा। सुप्रीम कोर्ट की कोई इज्जत नहीं है क्या ? यह तो उसकी बेइज्जती ही है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाई थी , जिसमें CBI और ED को अभिषेक बनर्जी से प.बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी करने का अधिकार दिया गया था। अभिषेक बनर्जी ने नोटिस मिलने पर कहा कि जब कोर्ट ने इसके लिए मना किया था तब भी नोटिस भेजा गया। यह एक चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने आगे कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि मुझे परेशान करने और निशाना बनाने की कोशिश है। इस प्रक्रिया ने बता दिया कि केंद्र सरकार न्यायालय की अवमानना करते हुए काम करती है। सीबीआई और ईडी का नोटिस मुझे दोपहर 1:45 बजे मिला और कोर्ट का आदेश इससे पहले का है तो आप समझ सकते हैं कि स्तिथि कितनी गम्भीर है ? पिछले दिनों 13 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई और ईडी को इस मामले में समन जारी करने की और उसके बाद पूछताछ करने की अनुमति दी थी। इस मामले में निष्कासित किए जा चुके युवा तृणमूल कांग्रेस नेता कुंतल घोष की बातों को भी आधार बनाया गया है। हाईकोर्ट के खिलाफ बनर्जी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे , जहाँ पर समन जारी करने व पूछताछ पर 24 अप्रैल तक रोक लगा दी गई , लेकिन इसके बावजूद समन जारी कर पूछताछ की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई है। एक तरफ कुंतल घोष का यह भी कहना है कि एजेंसियों द्वारा मुझपर नाम लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
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