कांग्रेस अध्यक्ष को पंजाब की संगरूर कोर्ट का समन। बजरंग दल की पीएफआई से तुलना करके फँस गये हैं खरगे।
कर्नाटक चुनाव खत्म हो चुका है। इस चुनाव में टीका-टिप्पणी का दौर भी खूब चला। इसी तरह के टिप्पणी के एक मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे फँसते हुए नज़र आ रहे हैं। कर्नाटक चुनाव के दौरान की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर उन पर आरोप लगे हैं और इसी वजह से मानहानि के एक मामले को लेकर पंजाब की संगरूर कोर्ट ने मल्लिकार्जुन खरगे को मानहानि के एक मामले में समन जारी किया है। कांग्रेस अध्यक्ष पर अव्यवस्था फैलाने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप लगे हैं। कोर्ट ने खरगे को तलब करने का नोटिस जारी किया है। खरगे ने संघ से जुड़े हुए संगठन बजरंग दल पर पीएफआई से तुलनात्मक टिप्पणी की थी। बजरंग दल को विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा के रूप में जाना जाता है। गौरतलब है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई पर सरकार प्रतिबंध लगा चुकी है। “बजरंग दल हिंदुस्तान” संगठन के अध्यक्ष हितेश भारद्वाज की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए संगरूर जिला अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष को तलब किया है। कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने बजरंग दल की तुलना राष्ट्रविरोधी संगठनों से की है , जैसे कि अलकायदा। कर्नाटक चुनाव के दौरान यह मुद्दा बहुत गरमाया रहा। कोर्ट ने खरगे को 100 करोड़ रूपयों के मानहानि समन का नोटिस जारी किया है।
जारी किये गये नोटिस में संगरूर अदालत के सीनियर डिवीजन जज रमनदीप कौर ने खरगे को 10 जुलाई को तलब होने के लिए कहा है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल का नाम लेते हुए कहा था कि कांग्रेस उन संगठनों पर प्रतिबंध लगाएगी जो अल्पसंख्यक लोगों व समुदायों के लिए दुश्मनी और नफ़रत वाली सोच रखते हैं। चुनाव परिणाम की बात करें तो कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपने दम पर बहुमत प्राप्त कर लिया है। फिलहाल मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन किया जा रहा है जिसमें कि दो नाम प्रमुखत: सामने हैं , सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार। रविवार को हुई विधायक दल की बैठक के बाद खरगे को मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा का काम सौंपा गया। खरगे इस काम के तहत कभी भी नाम की घोषणा कर सकते हैं।
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