शरद नवरात्रि में विद्यालय के बच्चों ने निकाली झांकी
शिक्षा को प्रभावित करने वाले अष्टकारकों को धारण किए हुवे मां अष्टभुजा
विशाल विचार- शेखर सिद्दीकी ब्यूरो चीप फतेहपुर
जनपद मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर शिक्षा क्षेत्र खजुहा के गोधइया ग्राम में संचालित सरस्वती ज्ञान मंदिर विद्यालय जो ग्रामीण क्षेत्र पर शिक्षा और संस्कार की परिभाषा से युक्त, शिक्षा के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट स्थान प्राप्त संस्थान द्वारा शरद नवरात्रि पर छोटे-छोटे बच्चों द्वारा शिक्षा को प्रभावित करने वाले आठ कारकों(प्रभावी शिक्षक, छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण, सामाजिक – आर्थिक वातावरण, सहयोगात्मक वातावरण, निरंतर मूल्यांकन, नवाचार को अपनाना, सुरक्षित और सहायक संस्थागत वातावरण और उचित सुविधाएँ) से विभूषित मां अष्टभुजी की आकृति द्वारा समाज को जागरूक करने का प्रयास किया गया -अच्छे शिक्षक में संचार, श्रवण, अनुकूलनशीलता, सहानुभूति और धैर्य जैसे गुण होते हैं। वे छात्रों को विषयवस्तु से जुड़ने में मदद करते हैं और वास्तविक दुनिया से सीखने के महत्व पर जोर देते हैशिक्षा को छात्रों की व्यक्तिगत जरूरतों और सीखने की शैलियों पर केंद्रित होना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि हर छात्र को सफल होने के लिए व्यक्तिगत सहायता मिले।सीखने की प्रक्रिया में छात्रों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए। समूह में काम करने से सोच विकसित होती है और समझ गहरी होती है।

छात्रों को नियमित और रचनात्मक प्रतिक्रिया मिलनी चाहिए। यह उन्हें यह समझने में मदद करता है कि वे कहाँ सही हैं और कहाँ सुधार की आवश्यकता है, जिससे उनकी शैक्षणिक प्रगति होती है।शिक्षा में नवाचार को अपनाने से छात्रों में आलोचनात्मक सोच और अनुकूलनशीलता का विकास होता है। यह उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है।छात्रों को सीखने के लिए तत्पर और प्रतिबद्ध होना चाहिए। बाधाओं का सामना करने और सफलता के लिए लगातार प्रयास करने से उल्लेखनीय प्रगति होती है।सामाजिक और आर्थिक कारक शिक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। एक समावेशी और सहायक वातावरण बनाना महत्वपूर्ण है जो सभी पृष्ठभूमि के छात्रों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करे।संस्था को एक सुरक्षित, सहायक और सकारात्मक वातावरण प्रदान करना चाहिए। इसमें कक्षाओं के लिए उचित उपकरण और सामग्री का प्रावधान शामिल है।सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक शिक्षण सुविधाएँ, तकनीकी उपकरण और शिक्षण सामग्री उपलब्ध होनी चाहिए।विद्यालय प्रबंधन आर के सिंह का कहना है अगर यह संपूर्ण सुविधा और वातावरण एक छात्र-छात्रा को लिए मिले तो निश्चित ही हूं सफलता के पथ पर अग्रणी होगा, इसके विपरीत अगर वातावरण और व्यवस्थाएं नहीं मिलती हैं या अच्छा शिक्षक नहीं मिलता है तो छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार मय हो सकता है इन सभी सामाजिक परिस्थितियों को दर्शाने के लिए नवरात्रि पर के पावन अवसर पर मां अष्टभुजी के आठो हाथों में जी आठ प्रकार के कारकों को विभूषित किया गया और बच्चों के सामने समाज के सामने प्रस्तुत किया गया।
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