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क्या भारत अमेरिका से व्यापार में चीन को पछाड़ देगा?

क्या भारत अमेरिका से व्यापार में चीन को पछाड़ देगा?

23 जून को अमेरिका के व्हाइट हाउस में हुई प्रेस वार्ता में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंध तेज़ी से बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना होकर 191 अरब डॉलर से अधिक हो गया है.”

इस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है.”

मोदी की यात्रा के दौरान जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने भारत में एफ़414 जेट इंजन का निर्माण मिलकर करने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.

इस इंजन का इस्तेमाल लड़ाकू विमानों में किया जाता है. भारत ने एमक्यू-9बी प्रिडेटर ड्रोन हासिल करने के लिए जनरल एटॉमिक्स के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य भारत की निगरानी क्षमताओं को मज़बूत करना है, ख़ास तौर पर चीन से लगने वाली इसकी सीमा पर. ये ड्रोन मिसाइल ले जाने में सक्षम है.

बाद में जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, “नेताओं ने भारत में एक नई सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा बनाने के लिए 825 मिलियन डॉलर तक निवेश करने की माइक्रॉन टेक्नोलॉजी की घोषणा का स्वागत किया.”

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