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पढ़े-लिखे ही नहीं है…तेजस्वी यादव की सूत्र वाली टिप्पणी पर बीजेपी हमलावर

पढ़े-लिखे ही नहीं है…तेजस्वी यादव की सूत्र वाली टिप्पणी पर बीजेपी हमलावर

पटना: RJD नेता तेजस्वी यादव द्वारा पत्रकारों के सूत्र के लिए विवादित शब्द के प्रयोग पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि प्रेस वार्ता के दौरान राजद के चिराग तेजस्वी यादव द्वारा मीडिया को लेकर की गई अशोभनीय टिप्पणी अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे पहले भी वह अख़बारों को बंद करने की धमकी दे चुके हैं. यह आचरण पत्रकारिता की स्वतंत्रता, प्रेस की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों के पूरी तरह खिलाफ़ है. तेजस्वी यादव को तुरंत बिना शर्त माफ़ी मांगनी चाहिए. लोकतंत्र में सवाल पूछना अपराध नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी है.

उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी क्यों नहीं की

अमित मालवीय ने कहा कि तेजस्वी यादव ने एक हालिया साक्षात्कार में खुलासा किया कि वह सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा लेकर क्रिकेट खेलने लगे और उनकी पढ़ाई में रुचि नौवीं कक्षा में कम हो गई. एक पल के लिए सोचिए कि वास्तव में ऐसा हुआ हो। लेकिन सवाल यह है: जब उन्हें यह महसूस हुआ कि न तो वे तेंदुलकर बन सकते हैं, न ही उनके निकट पहुंच सकते हैं, तो उन्होंने अपनी पढ़ाई क्यों नहीं खत्म की? जिस बिहार का सामान्य युवा शिक्षा के माध्यम से कलेक्टर, डॉक्टर, इंजीनियर और प्रशासनिक अधिकारी बनता है।

तेजस्वी यादव पढ़े लिखे नहीं है…

भाजपा नेता संजय जायसवाल ने तेजस्वी यादव की निंदा की, उन्हें अशिक्षित और गैर-जिम्मेदार बताते हुए माफ़ी मांगने और खेद प्रकट करने के लिए कहा। एएनआई से बातचीत में, भाजपा नेता जायसवाल ने कहा, “केवल तेजस्वी यादव ही पत्रकारों या किसी भी व्यक्ति के बारे में ऐसा बयान दे सकते हैं।” तेजस्वी यादव की समस्या यह है कि वह शिक्षित नहीं हैं, जिससे उनके परिवार के सदस्य जो भी उन्हें सिखाना चाहते हैं, वह याद करवा देते हैं और वह उसे बार-बार दोहराते रहते हैं। “लेकिन यदि कोई उनसे इससे अलग कोई प्रश्न पूछता है, तो वह इस प्रकार की गड़बड़ी कर देंगे।”

पत्रकारिता में ‘सूत्र’ एक पेशेवर शब्द

वर्तमान एनडीए सरकार में पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई है. पत्रकारिता में ‘सूत्र’ एक पेशेवर शब्द है, जिसे अपमानित करना आरजेडी के संस्कारों को दर्शाता है. पत्रकार लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए अपने परिवार और जीवन को दांव पर लगाते हैं. उनके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल अस्वीकार्य है. गुरु प्रकाश पासवान ने तेजस्वी यादव से इस बयान को वापस लेने, स्पष्टीकरण देने और माफी मांगने की मांग की. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो भाजपा और चौथा स्तंभ मिलकर आंदोलन करेंगे और आरजेडी के चाल, चरित्र और चेहरे को बिहार और देश की जनता के सामने उजागर करेंगे.

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